Pradosh fast will be celebrated in siddha and ravi yoga shiva will be worshiped: digi desk/BHN /भोपाल/12 जून रविवार को ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी है। इस दिन रवि प्रदोष का संयोग बन रहा है। इस दिन शिव योग, सिद्ध व रवियोग में भगवान शिव जी के अभिषेक पूजन का शुभ मुहूर्त रहेगा। वहीं शनिवार को ज्येष्ठ महीने की त्रिविक्रम द्वादशी है।
पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 12 जून दिन रविवार को रहेगा। इस रवि प्रदोष व्रत के दिन तीन शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन शिव योग, सिद्ध के साथ रवि योग भी हैं। ये तीनों ही योग शुभ मांगलिक कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं। रवि प्रदोष व्रत रखने से उत्तम स्वास्थ्य, आरोग्य और लंबी उम्र प्राप्त होती है। वैसे प्रदोष व्रत रखने से भगवान अपने भक्तों को धन, आयु, बल, संतान, सुख, सौभाग्य आदि प्रदान करते हैं।
शुभ मुहूर्त
इस बार 12 जून को प्रदोष पूजा के लिए दो घंटे का शुभ समय प्राप्त हो रहा है। रवि प्रदोष शाम 7:19 से रात 9:20 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। प्रदोष व्रत के दिन शिवजी को प्रसन्न करने रुद्राभिषेक के लिए शिववास देखा जाता है। उस दिन यदि शिववास है, तभी रुद्राभिषेक कराया जा सकता है। 12 जून को शिववास नंदी या शिवालय में देर रात 12 बजकर 26 मिनट पर हो रहा है। नंदी पर विराजमान शिव का रुद्राभिषेक करना शुभ माना जाता है। 12 जून को जब त्रयोदशी तिथि प्रारंभ हो रही है यानी 3:23 से भी शिववास कैलाश पर हो रहा है। कैलाश पर शिववास के समय भी किसी भी शिवालय में ररुद्राभिषेक कर सकते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रयोदशी तिथि पर शाम के समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर प्रसन्न होकर नृत्य करते हैं। इस वजह से शाम को प्रदोष मुहूर्त में शिव कृपा प्राप्त करने के लिए शिव पूजा करते हैं।
त्रिविक्रम द्वादशी आज
त्रिविक्रम द्वादशी पर्व ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर होता है। ये व्रत भगवान विष्णु के निमित्त किया जाता है। इस तिथि पर मथुरा में श्रीकृष्ण पूजा और यमुना नदी में स्नान करने का विधान ग्रंथों में में बताया है। इससे गोमेध यज्ञ का पुण्य मिलता है। इस दिन भगवान के वामन या त्रिविक्रम रूप की पूजा करने के साथ ही पानी का मटका और चीनी दान करने की भी परंपरा है। साथ ही शिव पुराण के मुताबिक तिल दान करने से उम्र बढ़ती है।